पंचायत प्रतिनिधियों ने किया सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन
पिथौरागढ़
हिमनगरी की अनदेखी का आरोप लगाते हुए पंचायत प्रतिनिधियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए धरना दिया। कहा क्षेत्र के अस्पतालों में डॉक्टर न होने से यहां के लोगों को उपचार के लिए जिला मुख्यालय या अन्य शहरों की दौड़ लगानी पड रही है। स्कूलों में शिक्षक नहीं है, जिससे छात्रों का भविष्य संकट में है। पशुपालन से आजीविका चला रहे किसानों के मवेशियों के उपचार को डॉक्टर नहीं है। बावजूद इसके उनकी परेशानी को सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है। रविवार को क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों का क्रमिक अनशन तीसरे दिन भी जारी रहा। इस दौरान प्रतिनिधियों ने तहसील कार्यालय में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए धरना दिया। टैक्सी यूनियन व होटल संघ ने भी उनके आंदोलन को समर्थन दिया। प्रतिनिधियों व टैक्सी यूनियन व होटल संघ के पदाधिकारियों ने कहा सीमांत तहसील आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। यहां आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। लेकिन प्रभावितों का उपचार करने को अस्पतालों में डॉक्टर नहीं है। क्षेत्र की महिलाओं के उपचार को यहां के सबसे बड़े अस्पताल सीएचसी में विशेषज्ञ महिला चिकित्सक का पद सालों से रिक्त चल रहा है। मामूली रोग के उपचार को भी महिलाओं को जिला मुख्यालय की दौड़ लगाने को मजबूर होना पड़ रहा है। स्कूलों में शिक्षकों के पर रिक्त चल रहे हैं, जिससे छात्रों का भविष्य संकट में है। बावजूद इसके नई शिक्षा नीति की सफलता के दावे हो रहे हैं। पशुपालन से आजीविका चला रहे किसानों के मवेशियों के उपचार के लिए पशु चिकित्सक की तैनाती सरकार नहीं कर सकी है।