एमसीएक्स के कपास वायदा कारोबार पर सेबी के साथ बैठक, जनवरी से संशोधित नियम होंगे लागू
मुंबई
एमसीएक्स के कपास वायदा अनुंबधों का कारोबार आगामी जनवरी से संशोधित नियमों के आधार पर किया जाएगा।
जनवरी 2023 और उसके बाद के अनुबंध , नए संशोधित नियमों को अंतिम रूप दिए जाने तक ट्रेडिंग के लिए अस्थायी रूप से अनुपलब्ध रहेंगे। यह संशोधन 30 दिनों की अवधि के भीतर किया जाएगा।
बाजार विनियामक नियमों में संशोधन इस एक्सचेंज की उत्पाद परामर्श समिति के साथ विचार विमार्श कर के करेगा।
एमसीएक्स की रविवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार संबंधित विभिन्न पहलुओं और मूल्य श्रृंखला की व्यापक भागीदारी के लिए कांट्रैक्ट की संगतता बढ़ाने के तरीकों और माध्यमों की चर्चा करने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ( सेबी) , टैक्सटाइल कमिशनर, कपड़ा मंत्रालय के अधिकारियों, टैक्सटाइल परामर्श समूह (टैग), कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, सीएआई, सीआईटीआई, सीमा और एमसीएक्स एवं एमसीएक्ससीसीएल आदि जैसे उद्योग निकायों की एक संयुक्त बैठक गत 26 अगस्त को मुंबई में सेबी भवनमें आयोजित की गई थी।
इस बैठक के निष्कर्षों के अनुसार एक्सचेंज द्वारा उपरोक्त के अलावा कई अन्य महत्व पूर्ण निर्णय लिए गए है। बयान में कहा गया, जनवरी और उसके बाद के कपास वायद अनुबंधों में संशोधित कांट्रैक्ट के विनिर्देशों के साथ ट्रेडिंग होगी। बयान के अनुसार एक्सचेंज की प्रोडक्ट एडवाइजऱी कमिटी (उत्पाद सलाहकार समिति) के साथ परामर्श करके कॉटन कांट्रैक्ट के विनिर्देशों की आवश्यक्ता के अनुसार फिर से जांच और संशोधन किया जाएगा।परामर्श की प्रक्रिया में टैग के सदस्य सहित अन्य हिस्सेदारों के निमंत्रितों भी शामिल किया जाएगा।
बयान के अनुसार चूंकि मौजूदा नियमों में ओपन इंटरेस्ट यानी (बाजार की समाप्ति पर प्रतिभागियों के पास पड़े खरीद बिक्री के बकाया अनुबंध) में बदलाव की अनुमति नहीं है।
बैठक में प्रोडक्ट एडवाइजऱी कमिटी का पुनर्गठन करने का निर्णय लिया गया है। इसमें कपड़ा उद्योग सहित मूल्य श्रृंखला प्रतिभागियों के अधिक प्रतिनिधित्व को शामिल कर के इस समिति का विस्तार किया जाएगा।
बयान में कहा गया है कि कपास वायदा अनुबंधों को लेकर बाजार का किसी भी प्रकार से दुरुपयोग को रोकने के लिए विनिमय निगरानी तंत्र को मजबूत किया जाएगा और बारीकी से निगरानी की जाएगी।