पाकिस्तान में बाढ़ की विनाशलीला, 24 घंटे में 119 की जान गई, अब तक एक हजार की मौत
इस्लामाबाद
पाकिस्तान में मूसलाधार बारिश के चलते भीषण बाढ़ ने कोहराम मचाया जिसमें इससे मरने वालों की संख्या 1 हजार के पार हो गई है। जून के बाद से भारी बारिश और बाढ़ से हजारों लोग घायल या विस्थापित हुए हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के हवाले से बताया कि 14 जून से अब तक बारिश और बाढ़ से कम से कम 1,033 लोग मारे गए हैं जबकि 1,527 लोग घायल हुए हैं। भारी बारिश और बाढ़ से खराब हुए हालात के बाद पाकिस्तान में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की जा चुकी है।
वहीं बाढ़ के चलते देश में पिछले 24 घंटों में करीब 119 लोगों की मौत हुई और 71 लोग घायल हो गए हैं। बलूचिस्तान में चार, गिलगित बाल्टिस्तान में 6, खैबर पख्तूनख्वा में 31 और सिंध में 76 लोगों की मौत हुई है। बारिश के चलते पाकिस्तान में 3,451.5 किलोमीटर सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है और 149 पुल ढह गए हैं जबकि 170 दुकानें बर्बाद हो गई हैं। इसके अलावा नौ लाख से ज्यादा घर आंशिक रूप से या पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। इंसानों के साथ-साथ 7 लाख पशु भी बाढ़ की चपेट में आने से मर गए।
पाकिस्तान के कम से कम 110 जिले बाढ़ की चपेट में हैं, जिनमें से 72 जिलों को आपदा प्रभावित घोषित किया गया है। पाकिस्तान एक दशक से अधिक समय बाद सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। बाढ़ ने लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया जिसके बाद पाकिस्तान सरकार ने देश में श्राष्ट्रीय आपातकालश् घोषित कर दिया है।
एनडीएमए के आंकड़ों से पता चलता है कि पाकिस्तान में बाढ़ से 57 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। लेकिन यह संख्या इससे भी अधिक हो सकती है। आपदा प्राधिकरण ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में 51,275 को बचाया गया है और 498,442 को राहत शिविरों में पहुंचाया गया। एनडीएमए ने जानकारी देते हुए कहा कि पाकिस्तान में 30 साल के आंकड़ों से पता चला है कि देश में 134 मिमी बारिश हुई है लेकिन इस साल 388.7 मिमी वर्षा हुई जो कि औसत से 190.07 फीसदी ज्यादा है।
25 अगस्त तक पाकिस्तान में 375.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है। ये मुख्य रूप से बलूचिस्तान, सिंध और पंजाब के कुछ हिस्सों में हुई है, जिसमें बलूचिस्तान में 30 साल की औसत बारिश का पांच गुना और सिंध में 30 साल के औसत से 5।7 गुना बारिश हुई है। 26 अगस्त को पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग ने एक और चेतावनी जारी करते हुए कहा, केपी प्रांत के नौशेरा में काबुल नदी और साथ ही काबुल और सिंधु की सहायक नदियों में 28 अगस्त तक जल स्तर बढ़ने से भीषण बाढ़ की आशंका है।