हर बार प्रशंसकों की उम्मीदों पर खरा उतरना आसान नहीं : मीराबाई चानू
नई दिल्ली
टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता मीराबाई चानू को लगता है कि उनके लिए हर बार प्रशंसकों की उम्मीदों पर खरा उतरना आसान नहीं है।
मणिपुर की 27 वर्षीय वेटलिफ्टर ने उम्मीद जताई कि वह आगामी राष्ट्रमंडल खेलों में अपने प्रदर्शन से लोगों को निराश नहीं करेंगी।
भारत 1990, 2002 और 2018 में वेटलिफ्टिंग में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला रहा है और चानू के नेतृत्व वाली 15 सदस्यीय मजबूत टीम फिर से बर्मिंघम में अपनी जीत की लय को दोहराने की उम्मीद कर रही है।
मीराबाई ने गोल्ड कोस्ट में 2018 सीडब्ल्यूजी में स्वर्ण पदक जीतकर रिकॉर्ड तोड़ा। अब उनकी निगाहें इस बार भी स्वर्ण पदक जीतने पर होंगी, खास कर उनके टोक्यो प्रदर्शन देखने के बाद।
भारत में टॉप एथलीटों में से एक, मीराबाई ने आगामी इवेंट में एक और शानदार प्रदर्शन के साथ देश को गौरवान्वित करने का संकल्प लिया है।
मीराबाई चानू ने कहा, मुझे पता है कि फैंस क्या चाहते हैं। मैं राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने की पूरी कोशिश करूंगी। मैंने अपने प्रशिक्षण पर बहुत काम किया है। टोक्यो के बाद, मैं मुख्य रूप से अपनी तकनीक पर ध्यान केंद्रित कर रही हूं और अभी मैं केवल आपको आश्वस्त कर सकती हूं कि मेरे प्रशिक्षण और तकनीक के साथ सब कुछ ठीक है। तो मैं अच्छे परिणाम की उम्मीद कर रही हूं।
भारत इस खेल में 125 पदक के साथ राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में दूसरा सबसे सफल देश है। राष्ट्रमंडल खेलों में वेटलिफ्टिंग में केवल ऑस्ट्रेलिया (159) ने भारत से अधिक पदक जीते हैं।
उन्होंने आगे बताया, राष्ट्रमंडल खेल तुलनात्मक रूप से आसान हैं क्योंकि चीन और उत्तर कोरिया के कई विश्व स्तरीय वेटलिफ्टर इसमें भाग नहीं लेते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। मैं अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ से आगे जाने की पूरी कोशिश करूंगी। मुझे भविष्य के टूर्नामेटों को ध्यान में रखते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देना होगा।
अपने लगातार प्रदर्शन के कारण मीराबाई ने रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया था। हालांकि, रियो में उनका प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। वह क्लीन एंड जर्क के तीनों प्रयासों में वजन उठाने में विफल रहीं।
रियो पराजय को पीछे छोड़ते हुए, मीराबाई ने कैलिफोर्निया के अनाहेम में 2017 विश्व चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 194 किग्रा (स्नैच में 85 और क्लीन एंड जर्क में 107) का भार उठाया, जो एक प्रतियोगिता का रिकॉर्ड था।
उसने 2018 में (49 किग्रा वर्ग में) स्नैच (86 किग्रा), क्लीन एंड एर्क (110 किग्रा) और कुल (196 किग्रा) के लिए राष्ट्रमंडल खेलों का रिकॉर्ड बनाया। बर्मिंघम में वह अपना ही विश्व रिकॉर्ड तोडऩे के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी।
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल भी पेरिस ओलंपिक की तैयारी कर रहा है। इस आयोजन के बाद, मुझे ओलंपिक योग्यता के लिए तैयारी शुरू करनी होगी। राष्ट्रमंडल खेलों से मुझे अपनी कमजोरी सुधारने में मदद मिलेगी इसलिए मैं एक अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रही हूं।
उन्होंने आगे कहा, मैं अपने खेल को सुधारने के लिए किए गए सभी कामों का अभ्यास करना चाहती थी। यह मेरे लिए एक ट्रायल की तरह है। मैं देखना चाहती हूं कि मैंने कितना सुधार किया है। यह मुझे अन्य आयोजनों में और निश्चित रूप से पेरिस खेलों में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करेगा।