उत्तराखण्ड

उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रही बिजली विभाग की लापरवाही : मोर्चा

विकासनगर

जन संघर्ष मोर्चा ने ऊर्जा निगम पर आरोप लगाया है कि विभाग की लापरवाही और मिलीभगत की वजह से लाइन लॉसेस एवं एटीएंडसी हानियों के चलते प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को महंगे दामों पर बिजली मुहैया कराई जाती है। इसका खामियाजा अंतत: जनता को ही भुगतना पड़ता है।
जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मोर्चा ने वितरण हानिया एवं एटीएंडसी हानियां कम करने के लिए शासन से आग्रह किया गया था। दावा किया कि इसके क्रम में शासन ने एमडी, यूपीसीएल को निर्देश दिए। यूपीसीएल के निर्देश पर विभागीय अधिकारियों ने राजस्व वसूली, विद्युत चेकिंग, विद्युत चोरों के खिलाफ एफआईआर, शिविर, कैंप लगाकर लाइन लॉस कम करने की दिशा में कार्रवाई शुरू की। कहा कि यह मोर्चा की बहुत बड़ी जीत है। नेगी ने कहा कि वर्ष 2019-20 में सरकार ने 14139.31 मिलियन यूनिट्स बिजली खरीदी। जबकि उसके सापेक्ष 12538.65 मिलियन यूनिट्स बेची हैं। इस प्रकार 1600. 66 मिलियन यूनिट्स यानी 160 करोड़ यूनिट्स लाइन लॉस में चली गई। कहा कि इसी प्रकार वर्ष 2018-19 में 14083.69 मिलियन यूनिट्स खरीद के सापेक्ष 12295.20 मिलियन यूनिट्स बेची गई। इस प्रकार 1788.49 मिलियन यूनिट्स लाइन लॉस में चली गई। इस लाइन लॉस की चलते सरकार को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए का आर्थिक नुकसान हो रहा है। इसके अतिरिक्त वितरण एवं एटीएंडसी हानियां 30- 35 फ़ीसदी हैं। नेगी ने कहा कि मोर्चा को उम्मीद है कि इससे प्रदेश के उपभोक्ताओं को भविष्य में काफी हद तक राहत मिल सकेगी। इस दौरान गोविंद सिंह नेगी, दिनेश राणा, गुरविंदर सिंह व संजय बंसल मौजूद रहे।