योगी का अयोध्या विजन
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का भव्य और दिव्य मंदिर अब पूर्णता की ओर अग्रसर दिख रहा है। निर्माण के अंतिम चरण का कार्य शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गत दिनांे भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ शिलान्यास कार्यक्रम मंे अयोध्या, काशी और मथुरा समेत पांच शहरों मंे सोलर बोट चलाने की घोषणा की थी। इस प्रकार योगी आदित्यनाथ का अयोध्या विजन इस धार्मिक नगरी को विश्व पर्यटन का केन्द्र बनाने का है। बताया जा रहा है कि रामलला को स्थायी गर्भ गृह मंे विराजित करते समय पौराणिक अयोध्या का दर्शन होगा। अयोध्या विजन 2047 अर्थात् देश की आजादी का शतक पूरा होने तक भक्ति-शक्ति और अनुरक्ति की अयोध्या दिखाई पड़ेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस तरह की संकल्प शक्ति का संकेत ही नहीं दिया बल्कि उसको कार्यरूप मंे भी परिणित करना शुरू कर दिया है। योगी आदित्यनाथ की सरकार चाहती है कि अयोध्या मंे लोग सिर्फ रामलला और उनके परम भक्त हनुमान जी के ही दर्शन न करें बल्कि पर्यटक पंचकोसी, 14 कोसी और 84 कोसी परिक्रमा भी करें। इस प्रकार का पर्यटन आर्थिक विकास का भी महत्वूर्ण हिस्सा होगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रतिनिधियों ने ताजा जानकारी दी है। उन्होंने बताया मंदिर के भूतल निर्माण का काम अंतिम चरण में प्रवेश कर गया है। त्रेता युग की अयोध्या तो हमने देखी नहीं लेकिन योगी की अयोध्या की बानगी उसके रेलवे स्टेशन से ही मिल जाएगी जो राम मंदिर की डिजाइन का होगा।
मिली जानकारी के अनुसार राम लला को स्थायी गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान राम भक्तों को पौराणिक अयोध्या का दर्शन होगा। अलग- अलग डिजाइन, कलर पैटर्न और मटैरियल पैटर्न से अयोध्या को दिव्य रूप दिया जा रहा है। रंग बिरंगी लाइट से सुसज्जित राम मंदिर के अलग अलग मार्ग अनोखी छटा बिखेरेंगे। पर्यटन की विविधता भी दर्शनार्थियों के आकर्षण का केंद्र होगा। नगर आयुक्त विशाल सिंह कहते हैं कि अयोध्या विकास प्राधिकरण राम पथ, जन्मभूमि पथ और भक्ति पथ का डीपीआर बनाकर शासन को मंजूरी के लिए भेज दिया है। उन्होंने बताया कि कॉमन बिल्डिंग कोड को लागू करने के लिए एडीए फसाड कंट्रोल गाइडलाइन पर काम कर रहा है। व्यावसायिक भवन, दुकान, मठ- मंदिर और आवासीय भवन की अलग-अलग डिजाइन, कलर पैटर्न और मटेरियल पैटर्न अमल में लाया जा रहा है। उसके जरिए अयोध्या का भव्य दृश्य देखने को मिलेगा। एडीए का जोर मुख्य सड़कों के अलावा मंदिर मार्ग किनारे स्थित भवनों और संस्थानों पर है। विशाल सिंह ने कहा कि अयोध्या विजन के तहत विकास का खाका खींचा जा रहा है। सांस्कृतिक, वैदिक और पौराणिक धरोहरों को संरक्षित करते हुए अयोध्या को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करना है। अयोध्या की मुख्य सड़कों के साथ मंदिर मार्ग को जोड़ने वाली सड़कों का चौड़ीकरण, पुरातन मंदिरों और ऐतिहासिक इमारत का रंग रोगन और फसाड लाइट के जरिए सौंदर्यीकरण शामिल है। आसमान से भी अयोध्या की अलग छटा दिखाई देने की कवायद है। पर्यटन स्थलों में विविधता के जरिए भी अयोध्या आने वाले दर्शनार्थियों को आकर्षित कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन की विविधता अयोध्या विजन 2047 का एक हिस्सा है। सूर्य कुंड पर ट्रायल एंड रन चल रहा है। गुप्तार घाट का पूरा क्षेत्र भी विकसित हो चुका है। समदा में श्री राम बर्ड सेंचुरी बनाई गई है। शहर में पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के धरोहरों को भी विकसित किया जा रहा है। टूरिज्म के लिए आवश्यक सुविधाओं पर एडीए का फोकस है। पर्यटक और श्रद्धालु आकर 14 कोसी, पंचकोसी, 84 कोसी सभी तरह की परिक्रमाएं करें। अयोध्या का सामाजिक और आर्थिक विकास श्रद्धालुओं और पर्यटकों के कम से कम तीन दिन रुकने पर होगा
अयोध्या में तीन मंजिला राम मंदिर के भूतल का काम अपने अंतिम चरण में है। इस साल अक्टूबर तक इसे पूरा करने के लिए सहायक संरचनाओं का काम जारी है। मंदिर के अधिकारियों ने भी यह जानकारी दी। एक बयान के अनुसार, ‘‘राम मंदिर के भूतल के निर्माण कार्य की प्रगति की हाल में निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा सहित ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्यों द्वारा समीक्षा की गई थी।’’ कहा गया है कि ‘लार्सन एंड टुब्रो’ और ‘टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स’ की इंजीनियरिंग टीमों और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रतिनिधियों ने निर्माण कार्य की समीक्षा में हिस्सा लिया। बयान में कहा गया है, ‘‘श्री राम मंदिर, अयोध्या, के भूतल निर्माण का काम अंतिम चरण में प्रवेश कर गया है। इस काम को अक्टूबर, 2023 तक पूरा करने के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण का काम जोरों पर है।’’ गर्भगृह के अलावा, मंदिर में पांच मंडप-गुड मंडप, रंग मंडप, नृत्य मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप हैं। बयान में कहा गया है, ‘‘पांच मंडपों के गुंबद का आकार 34 फुट चौड़ा और 32 फुट लंबा और आंगन से ऊंचाई 69 फुट से 111 फुट तक है।’’ राम मंदिर की लंबाई 380 फुट, चौड़ाई 250 फुट और और यह प्रांगण से 161 फुट ऊंचा है। गौरतलब है कि अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को रामलला विराजमान की पूजा को लेकर राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से पीएम नरेंद्र मोदी को आमंत्रण भेजा गया है। हालांकि इसको लेकर अभी प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से इस पर कोई जवाब नहीं आया है। यह जानकारी भी राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से दी गई है।
उत्तर प्रदेश में राम नगर अयोध्या का स्वरूप बदला जा रहा है। अयोध्या में बहुत ही सारी कार्य योजनाएं चल रही हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में अयोध्या बदलती हुई दिखाई देगी। यूपी सरकार अयोध्या की तस्वीर को बदल दी है। चाहे वह एयरपोर्ट हो यह फिर रेलवे स्टेशन, इन सभी कामों को दिसंबर तक पूरा कर लेना है क्योंकि जनवरी 2024 में भगवान राम लला अपने भव्य मंदिर में जब विराजमान होंगे, उस समय लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या में होंगे। श्रद्धालुओं को सुविधा देने के लिए यूपी सरकार लगातार अयोध्या का कायाकल्प कर रही है। अयोध्या की सड़कें चौड़ी की जा रही हैं और एयरपोर्ट का भी निर्माण कार्य मंदिर निर्माण कार्य से पहले ही कर लिया जाएगा। अयोध्या रेलवे स्टेशन की बात करें तो पहले फेज का काम पूरा कर लिया गया है। आने वाले दिनों में अयोध्या का रेलवे स्टेशन श्रद्धालुओं के मन को मोह लेगा। यह रेलवे स्टेशन राम मंदिर मॉडल की तर्ज पर बनाया जा रहा है। अयोध्या में जितनी भी योजनाएं चल रही हैं, वह सब राम मंदिर मॉडल के तर्ज पर ही बनाई जा रही हैं। अयोध्या से बीजेपी सांसद लल्लू सिंह कहते हैं कि यहां जितनी भी कार्य योजनाएं चल रही हैं, वह सभी दिसंबर तक पूरी कर ली जाएंगी। अयोध्या का जो रेलवे स्टेशन बनाया जा रहा है, यहां पर वह सारी सुविधाएं होंगी, जो सभी रेलवे स्टेशन पर होती है। अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन का भी स्वरूप बदला जाना है। वह भी राम मंदिर मॉडल के तर्ज पर बनाया जाएगा क्योंकि अयोध्या मंदिरों की नगरी है।