महाराष्ट्र में कोरोना फिर बेकाबू, अब विदर्भ में उद्धव सरकार की बढ़ी परेशानी
मुंबई……..
महाराष्ट्र में एक बार फिर कोरोना वायरस आक्रामक हो गया है और हालात बेकाबू होने लगे हैं। कोरोना वायरस के मामलों को लेकर पहले मुंबई, फिर पुणे में मामले तेजी से बढ़े और अब विदर्भ की स्थितियां खराब हो रही हैं। यहां पर यवतमाल, अकोला, अमरावती और वर्धा जिलों में कोरोना मामलों के आंकड़े देखें तो डराने लगे हैं। राज्य के विशेषज्ञों का मानना है कि सितंबर से पुणे और मुंबई टॉप पर था तो अब फरवरी से विदर्भ भी कोरोना वायरस के मामलों को लेकर इसी लिस्ट में शामिल हो गया है।
आंकड़े देखें तो पता चलता है कि रविवार को यवतमाल को आए पॉजिटिव केस 41.4फीसदी थे, जो 15 सितंबर की तुलना में दोगुना है। अमरावती में कोरोना पॉजिटिव मामलों की दर 38 प्रतिशत हो गई है और वर्धा में यह 24 प्रतिशत है। वर्धा में सितंबर से यह दर मात्र 8.5 प्रतिशत थी, जो अब के मामलों की तुलना में तीन गुना अधिक हैं। यहां तक कि अकोला में 29 प्रतिशत ज्यादा दर देखी जा रही है। महाराष्ट्र में कोविड-19 मामले 10-30 सितंबर के बीच बढ़े। विदर्भ में 11 जिलों में से छह में सबसे ज्यादा पॉजिटिव रेट है, जो राज्य के वर्तमान औसत से लगभग तीन गुना अधिक है।
वास्तव में, राज्य की दैनिक सकारात्मकता दर रविवार को 11 प्रतिशत तक पहुंच गई, जो जनवरी में लगभग आधी थी। चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशालय (डीएमईआर) के प्रमुख डॉ. टीपी लहाणे ने कहा कि इन जिलों में अस्पताल में भर्ती होने में पिछले दो सप्ताह में 20-30 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। इधर कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण दोबारा लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू की आशंका ने मुंबईकरों की चिंता बढ़ा दी है। इस बीच बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने कहा कि मुंबईकर यदि कड़ाई से कोरोना नियमों का पालन करते हैं, तो अभी ऐसी स्थिति नहीं पैदा हुई है कि दोबारा लॉकडाउन लगाया जाए या नाइट कर्फ्यू लगाया जाए। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि मुंबई में जल्द ही कोरोना पर काबू पा लिया जाएगा। मुंबई में बड़े पैमाने पर कोरोना नियमों का उल्लंघन किया गया, जिसके कारण केस बढ़े हैं। बीएमसी ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर रही है, हमें उम्मीद है कि जल्द ही कोरोना पर काबू पा लिया जाएगा।