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लोकायुक्त की नियुक्ति की मांग को लेकर राज्य आंदोलनकारियों का धरना जारी

देहरादून

लोकायुक्त की नियुक्ति की मांग को लेकर राज्य आंदोलनकारियों धरने पर डटे रहे। आज राज्य आंदोलनकारी परमानंद बलोदी एवं सुमन बडोनी गांधी पार्क के बाहर लोकायुक्त की नियुक्ति की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर डटे रहे। इस दौरान उन्होंने थाली बजाकर अपना विरोध दर्ज किया। इस अवसर पर राज्य आंदोलनकारी परमानंद बलोदी का कहना है कि पूर्व में सरकार ने 100 दिन में लोकायुक्त की तैनाती करने का वायदा किया लेकिन आज तक तैनाती नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य को बने 22 साल हो चुके हैं और इन 22 सालों में उत्तराखंड के भ्रष्ट नेताओं द्वारा दोनों हाथों से उत्तराखंड के खजाने को लूटा जा रहा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ उत्तराखंड विधानसभा में बी सी खंडूडी की सरकार में वर्ष 2011 एवं 2014 में भारत के संविधान 2000 के अधीन राज्य द्वारा विधानसभा में लोकायुक्त विधेयक पारित किया था लेकिन दुर्भाग्य है कि उत्तराखंड में लोकायुक्त कार्यालय एक किराये के भवन में तो चल रहा है और करीब दो दर्जन कर्मचारी लोकायुक्त कार्यालय में अपने सेवा दे रहे हैं जिसमें करोडों रूपये प्रतिमाह खर्च हो रहा है लेकिन उक्त कार्यालय में अभी तक लोकायुक्त की नियुक्ति सरकार ने नहीं की है। भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में जनता से वायदा किया था कि भाजपा की सरकार बनी तो 100 दिन के अंतर्गत लोकायुक्त की नियुक्ति की जायेगी जो आज तक नहीं हो पाई है। इस अवसर पर राज्य आंदोलनकारी सुमन बडोनी ने कहा है कि उनके आंदोलनों को कई संगठनों का समर्थन मिल रहा है उनकी पांच सूत्रीय मांगें हैं जिसमें लोकायुक्त की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से किये जाने की मांग शामिल है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रदेश की स्थाई राजधानी गैरसैंण को बनाये जाने, उत्तराखंड में सशक्त भू कानून लागू किये जाने की मांग है।